नोएडा/जगदलपुर। अनूठे संकल्प और प्रयोग ने साधारण से किसान को फर्श से अर्श पर ला दिया। आज वह दुनिया के कई देशों में पहचान के मोहताज नहीं हैं। विदेशों की तर्ज पर अब वह खेतों में दवाओं के छिड़काव के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करने जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के किसान डा. राजाराम त्रिपाठी सात करोड़ रुपये में हेलीकाप्टर का सौदा कर चुके हैं। हालैंड की राबिंसन कंपनी आर-44 मॉडल का फोर सीटर हेलीकाप्टर उन्हें चार साल में उपलब्ध कराएगी। उस हेलीकॉप्टर को खेती-किसानी के लिहाज से विशेष रूप से तैयार किया जा रहा है। नोएडा निवासी कृषि वैज्ञानिक चौधरी जगपाल सिंह का भी दावा है कि जैविक खेती से किसान मालामाल हो सकते हैं। गौतमबुद्ध नगर जिले में भी कई किसान इस तरह के सफल प्रयोग कर रहे हैं।
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400 आदिवासी परिवार कर रहे सामूहिक खेती
वर्तमान में 25 करोड़ रुपये वार्षिक टर्न ओवर वाले मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के सीईओ डॉ. राजाराम त्रिपाठी के साथ 400 आदिवासी परिवार एक हजार एकड़ में सामूहिक खेती कर रहे हैं। यह समूह यूरोपीय और अमेरिकी देशों में काली मिर्च का निर्यात कर रहा है। कोंडागांव के रहने वाले राजाराम त्रिपाठी सफेद मूसली और जैविक खेती के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होंने आस्ट्रेलियन टीक के साथ काली मिर्च की खेती के लिए प्राकृतिक ग्रीन हाउस तकनीक भी विकसित की है। इसमें एक से डेढ़ लाख रुपये की लागत में 40 वर्षों तक प्रति एकड़ करोड़ों रुपये की आय की जा सकती है।